Friday, July 15, 2011

लालीवाव मठ में गुरुपूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मना,

लालीवाव मठ में गुरुपूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मना,
दिन भर लगा रहा भक्तों का तांता

बांसवाड़ा, 15 जुलाई/गुरु पूर्णिमा महोत्सव ऐतिहासिक लालीवाव मठ में शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। भोर में गुरु पादुका पूजन अनुष्ठान हुआ। इसमें लालीवाव पीठाधीश्वर महंत हरिओमशरणदास महाराज ने मठ के पूर्ववर्ती महंतों की छत्री, चरणपादुकाओं तथा मूर्तियों का पूजन किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
 

महंत नारायणदास महाराज की छतरी पर गुरु पादुकापूजन कार्यक्रम में लालीवाव की शिष्य परम्परा के बड़ी संख्या में अनुयायियों और भक्तों ने हिस्सा लिया और विविध उपचारों के साथ गुरु पूजन किया।
लालीवाव मठ में शुक्रवार को दिन भर भारी भीड़ लगी रही। भक्तों ने लालीवाव के महंत हरिओमशरणदास महाराज को पुष्पहार पहनाकर पूजन किया तथा आशीर्वाद प्राप्त किया।
दिन में दीक्षा महोत्सव हुआ। इसमें बड़ी संख्या में नव दीक्षार्थियों ने दीक्षा विधान के साथ लालीवाव महंत से दीक्षा प्राप्त की और नवजीवन का संकल्प ग्रहण किया। तीन घण्टे चले इस दीक्षा महोत्सव में दीक्षार्थियों का तांता बंधा रहा। विद्या निकेतन तथा अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भी महंतश्री के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद पाया। शिष्यों ने पीठाधीश्वर की आरती उतारी और आशीर्वाद प्राप्त किया।
दिन भर लालीवाव धाम पर भजन-कीर्तनों की धूम बनी रही। लालीवाव धाम के प्रधान मन्दिर पद्मनाथ में भगवान के श्रीविग्रहों का मनोहारी श्रृंगार कलाकार दीपक तेली द्वारा किया गया। इनमें भगवान विष्णु के विराट स्वरूप और गीता ज्ञान उपदेश के दृश्यों की जीवंत झांकी को देखने श्रद्धालुओं का जमघट लगा रहा।
राष्ट्रधर्म सर्वोपरि
इस मौके पर शिष्यों को अपने वार्षिक प्रवचन में लालीवाव पीठाधीश्वर महंत हरिओमशरणदास ने कहा कि राष्ट्र को सर्वोपरि मानकर कार्य करें। समाज-जीवन के जिस किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हों वहां देशभक्ति और देश के विकास की भावना को सामने रखकर दिव्य जीवन व्यवहार के साथ कार्य करें और ईश्वर द्वारा प्रदत्त क्षमताओं का भरपूर उपयोग मानवता के हित में और मनुष्य जीवन के चरम लक्ष्य की प्राप्ति में करें।

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