Friday, July 8, 2011

लालीवाव मठ में श्रीमद् भागवत कथा शुरू

करोड़ों पुण्यों का उदय हो,  तभी संभव है भागवत श्रवण 
- महंत हरिओमशरणदास महाराज
बांसवाड़ा, 8 जुलाई/ गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष में ऐतिहासिक लालीवाव मठ में शुक्रवार से श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव आरंभ हुआ। लालीवाव मठ के पीठाधीश्वर महन्त हरिओमशरणदास महाराज ने सदियों से आस्था केेन्द्र रहे मठ के प्रधान देव भगवान श्रीपद्मनाभ की विशेष पूजा-अर्चना की और विनायक महापूजा के साथ दीप प्रज्वलित कर आठ दिवसीय महोत्सव का श्रीगणेश किया।

लालीवाव पीठाधीश्वर, श्रीमद्भागवतमर्मज्ञ महंत श्री हरिओमशरणदास महाराज ने पहले दिन शुक्रवार को श्रीमद्भागवतकथाअमृत वृष्टि करते हुए श्रीमद्भागवत कथा श्रवण को परम कल्याणकारी बताया और कहा कि भागवत धर्म के अनुरूप चलकर ही व्यक्ति जीवन के सभी लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकता है, यह मोक्षदायिनी है, पितरों का उद्धार करने वाली है, शाश्वत सुख-शांति देने वाली है। इसके श्रवण एवं मनन से पूर्वजन्मों के करोड़ों पापों का नाश होता है और पुण्यों का उदय होता है। भागवत वही सुन सकता है जिसके पुण्य का उदय होता है।
महन्तश्री ने धुंधुकारी, गोकर्ण की कथा को विस्तार से समझाया तथा कहा कि मनुष्य को अपनी बुद्धि को बदलना चाहिए और अपने आप को इस तरह बनाना चाहिए कि व्यक्तित्व दिव्यत्व से भरा हो। रोजाना भगवान का ध्यान,मनन और स्मरण करना चाहिए।
श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव में यजमान अरुण साकोरीकर, श्रीमती आशा व पुत्री नन्दिनी एवं साकोरीकर परिवार और सह यजमान महेश एवं राजेश राणा ने सपरिवार श्रीमद् भागवत की पूजा की और कथावाचक श्रीमद्भागवतमर्मज्ञ महंत श्री हरिओमशरणदास महाराज का पुष्पहार व श्रीफल से स्वागत किया। इससे पूर्व महंत श्री हरिओमशरणदास महाराज के सान्निध्य में श्री पद्मनाथ मन्दिर में श्रीमद्भागवत पोथीपूजन सभी यजमानों ने किया तथा पोथी धारण कर गाजे-बाजे के साथ भजन-कीर्तन करते हुए व्यासपीठ के समक्ष पोथी विराजित की गई। जहां भक्तों के समूहों ने पृष्पवृष्टि कर पोथी व महंत का स्वागत किया।
कथा के आरंभ में यजमानों के साथ ही लालीवाव मठ भक्त मण्डल की ओर से मनोहरलाल जोशी, विमल भट्ट, सुखलाल तेली, प्रवीण गुप्ता, दीपक तेली, छगनलाल, नाथुलाल(कंजाड़ा वाले), मगनलाल त्रिवेदी, राजेन्द्र कुलश्रेष्ठ, मधु कुलश्रेष्ठ, शांतिलाल भावसार आदि ने पुष्पहार पहनाकर कथावाचक महंतश्री का स्वागत किया और भागवत की पूजा की। संचालन प्रसिद्ध समाजसेवी शांतिलाल भावसार ने किया।
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लालीवाव मठ में सवा लक्ष पार्थेश्वर पूजा महाविधान शुरू
मिट्टी के शिवलिंग बनाकर पूजन को उमडे़ शिवभक्त
बांसवाड़ा, 8 जुलाई/सदियों से धर्म और श्रद्धा जागरण के केन्द्र ऐतिहासिक लालीवाव मठ में आठ दिवसीय गुरुपूर्णिमा महोत्सव के अन्तर्गत शुक्रवार को सवा लक्ष पार्थेश्वर शिवलिंग पूजा महाविधान अनुष्ठान शुरू हुआ।
लालीवाव पीठाधीश्वर महन्तश्री हरिओमशरणदास महाराज के सान्निध्य एवं जाने-माने कर्मकाण्डी पं. इच्छाशंकर जोशी एवं प्राच्यविद्यामर्मज्ञ ब्रह्मर्षि पं. दिव्यभारत पण्ड्या के आचार्यत्व में शिवभक्त साधकों के समूहों ने मिट्टी की विधिविधान से शुद्धिकरण मंत्रों से संस्कार पूजा की और मिट्टी के शिवलिंग बनाकर इनमें वैदिक ऋचाओं और मंत्रों से प्राण-प्रतिष्ठा करते हुए विभिन्न देवी-देवताओं की आकृतियों के साथ ही शुक्र यंत्र का निर्माण किया।

इसके बाद पण्डितों के समूह ने रूद्राभिषेक तथा शिवभक्तों ने पंचाक्षरी मंत्र के जाप से पार्थेश्वर शिवलिंगों की पूजा की।
ब्रह्मर्षि पं. दिव्यभारत पण्ड्या ने भक्तों को संबोधित करते हुए बताया कि पार्थिव शिवलिंग निर्माण व पूजन से सर्वग्रहशांति, कालसर्पदोष, वास्तुदोष, मांगलिक दोष आदि का निवारण होता है तथा सुख-शांति एवं समृद्धि प्राप्त होती है। इसके साथ ही भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति के सभी मनोरथ अवश्य पूर्ण होते हैं।

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