बांसवाड़ा प्राचीन लालीवाव मठ में
आयोजित श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूमे।
श्रीमद भागवत कथा कार्यक्रम के दौरान जैसे ही महंत हरिओम शरण दास महाराज
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग का वाचन करने लगे, तो श्रद्धालुओं ने नंद के
आनंद भयो....हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की....के जयकारों का उद्घोष
गुंजायमान किए। इस दौरान समूचा वातावरण कृष्ण भक्तिमय हो गया। महंत श्री ने
प्रवचन में कहा कि प्रभु की भक्ति व प्राप्ति किसी भी अवस्था मेें की जा
सकती है। जन्म मरण के बंधन से मुक्ति के लिए कर्मों के क्षय को अनिवार्य
बताते हुए कहा कि जब तक कर्मों का क्षय नहीं होगा। तब तक आवागमन का चक्र
बना रहेगा। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण को जगत का गुरु व भगवान शिव को जगत
का नाथ कहा गया है। इन दोनों की आराधना व भजन से सब कुछ प्राप्त किया जा
सकता है। महंतश्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि ईश्वरीय विधान को नहीं मानने
वाले,उल्लंघन व विरोध करने वाले लोग दूसरे जन्म में कष्ट पाते हैं। साथ ही
पूजा करते वक्त क्रोध करने से नैतिक मूल्य नष्ट हो जाते हैं। धर्म सभा में
नाथू भोई व मांगीलाल धाकड़ के परिवारजनों ने रुद्राभिषेक पूजन किया। वहीं
ईश्वर जोशी, सुखलाल तेली, लोकेंद्र भट्ट, विमल, दीपक तेली, शांतिलाल
भावसार, सत्यनारायण दोसी, के. गौतम, शिवा, राजेश, गोपाल आदि ने व्यास पीठ
पर बिराजित महंत हरिओमशरण दास महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
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