Tuesday, July 16, 2013

कथा में प्रत्येक मनुष्य को गुरु बनाने की सीख दी

लालीवाव मठ में आयोजित भागवत कथा के दौरान महंत हरिओमशरण महाराज ने कहा कि भागवत में मनुष्य योनी सबसे श्रेष्ठ है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को गुरु बनाने की जरूरत होती है। महाराज ने कहा कि भगवान का अवतार सत्य की रक्षा के लिए होता हैं। इस बीच भजनों पर कई श्रद्धालु झूमने लगे तथा प्रेम पूर्वक भागवत कथा का श्रवण किया। कार्यक्रम के दौरान पं. ललित पाठक के सानिध्य में मंगल यंत्र का निर्माण किया गया।
भजनों पर झूमे श्रद्धालु
वहीं कथा के बाद देर तक भजन कीर्तन का कार्यक्रम चला। इससे पूर्व अभिराम दास महाराज, मोहनलाल जोशी, उदयलाल तेली, विमल भट्ट, डॉ. लोकेश विश्वास, शांतिलाल भावसार, के. गौतम, सुखलाल तेली आदि भक्तों ने भागवत की पूजा की तथा व्यासपीठ का स्वागत किया। इस मौके पर पार्थिव शिवलिंग मंगलवार होने से मंगल यंत्र का निर्माण किया गया । आरती नंदकिशोर अग्रवाल, कांतिलाल सोनी, मगनलाल जोशी आदि ने की। संचालन शांतिलाल भावसार ने किया। 
बांसवाड़ा. लालीवाव मठ में आयोजित भागवात कथा में मौजूद श्रद्धालु।
 
























No comments:

Post a Comment