Friday, November 16, 2018
Friday, November 9, 2018
Annakut Mahotsav
लालीवाव मठ में अन्नकूट के दर्शन को उमड़े भक्त
शहर के ऐतिहासिक तपोभूमि लालीवाव मठ में प्रतिवर्ष के भांति इस वर्ष भी गुरुवार को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव मनाया गया । इस मौके पर भगवान पद्मनाभ की विशेष श्रृंगार किया गया व छप्पन भोग लगाया गया ।
लालीवाव मठ में सायं श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज ने भक्तों को गोवर्धन पूजन का महत्व बताया । उन्होंने कहा की एक बार गोकुलवासी इंद्र की उपासना की तैयारी कर हठपूर्वक गोवर्धन की पूजा कराई । इससे रुष्ठ होकर इंद्र ने घनघोर वर्षा शुरु कर दी । इससे गांववासियों को बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर इस पर्वत को उठा लिया, इसके बाद से गोवर्धन की पूजा होने लगी । उन्होंने कहा की गोवर्धन वाले दिन गोवर्धन की परिक्रमा का विशेष महत्व है । इससे जीवात्मा के सभी पाप कर्म नष्ट होते हैं । इसके बाद भगवान पद्मनाभ की प्रतिवर्ष के भांति महाआरती बांसवाड़ा शहर की सबसे बड़ी 5 बड़ी आरतियां उतारकर अन्नकूट का भोग लगाया । इसके बाद मठ में सभी भक्तों ने अन्नकूट का महाप्रसाद ग्रहण किया ।
श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज ने बताया कि भगवान पद्मनाभ का हर उत्सवों पर विशेष श्रृंगार होता है और इस वर्ष अन्नकूट के उपलक्ष में भगवान पद्मनाभ का विशेष झांकी तैयार किया गया है जिसमें भगवान ने कच्छप रूप धारण कर रखा है उसके उपर सागर मंथन हो रहा है, जिसमें देवता एवं दानव सागर मंथन कर रहे है, भगवान महादेव विष का पान कर रहे है, मोहिनी रूप अमृत का पान करवा रही है, इस झांकी में लाईटिंग एवं बिजली की आवाज एवं भजन ने भक्तों को काफी आकर्षित किया हर कोई देखकर भाव विभोर हो जाता है । भगवान के इस स्वरुप के दर्शन कर भक्तजन भाव विभोर हो गये एवं दर्शन के उमड़े भक्तजन । यह झांकी बाँसवाड़ा शहर की एक मात्र चलचलित एवं सम्पूर्ण रूप से कम्प्यूटराईज़्ाड एवं इलेक्ट्रिकल स्वचलित झांकी है ।
Media Accolades - Annakut Mahotsav Laliwav Math Banswara
Thursday, November 8, 2018
Annakut Mahotsav Tapobhumi Laliwav Math
लालीवाव मठ में अन्नकूट के दर्शन को उमड़े भक्त
शहर के ऐतिहासिक तपोभूमि लालीवाव मठ में प्रतिवर्ष के भांति इस वर्ष भी गुरुवार को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव मनाया गया । इस मौके पर भगवान पद्मनाभ की विशेष श्रृंगार किया गया व छप्पन भोग लगाया गया ।
लालीवाव मठ में सायं श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज ने भक्तों को गोवर्धन पूजन का महत्व बताया । उन्होंने कहा की एक बार गोकुलवासी इंद्र की उपासना की तैयारी कर हठपूर्वक गोवर्धन की पूजा कराई । इससे रुष्ठ होकर इंद्र ने घनघोर वर्षा शुरु कर दी । इससे गांववासियों को बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर इस पर्वत को उठा लिया, इसके बाद से गोवर्धन की पूजा होने लगी । उन्होंने कहा की गोवर्धन वाले दिन गोवर्धन की परिक्रमा का विशेष महत्व है । इससे जीवात्मा के सभी पाप कर्म नष्ट होते हैं । इसके बाद भगवान पद्मनाभ की प्रतिवर्ष के भांति महाआरती बांसवाड़ा शहर की सबसे बड़ी 5 बड़ी आरतियां उतारकर अन्नकूट का भोग लगाया । इसके बाद मठ में सभी भक्तों ने अन्नकूट का महाप्रसाद ग्रहण किया ।
श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज ने बताया कि भगवान पद्मनाभ का हर उत्सवों पर विशेष श्रृंगार होता है और इस वर्ष अन्नकूट के उपलक्ष में भगवान पद्मनाभ का विशेष झांकी तैयार किया गया है जिसमें भगवान ने कच्छप रूप धारण कर रखा है उसके उपर सागर मंथन हो रहा है, जिसमें देवता एवं दानव सागर मंथन कर रहे है, भगवान महादेव विष का पान कर रहे है, मोहिनी रूप अमृत का पान करवा रही है, इस झांकी में लाईटिंग एवं बिजली की आवाज एवं भजन ने भक्तों को काफी आकर्षित किया हर कोई देखकर भाव विभोर हो जाता है । भगवान के इस स्वरुप के दर्शन कर भक्तजन भाव विभोर हो गये एवं दर्शन के उमड़े भक्तजन । यह झांकी बाँसवाड़ा शहर की एक मात्र चलचलित एवं सम्पूर्ण रूप से कम्प्यूटराईज़्ाड एवं इलेक्ट्रिकल स्वचलित झांकी है ।
Tuesday, November 6, 2018
Sagar Manthan Tapobhumi Laliwav Math
कच्छप अवतार सागर मंथन दर्शन
दीपावली एवं अन्नकूट महोत्सव के तहत तपोभूमि लालीवाव मठ में भगवान पद्मनाभ का विशेष झांकी तैयार किया गया है जिसमें भगवान ने कच्छप रूप धारण कर रखा है उसके उपर सागर मंथन हो रहा है जिसमें देवता एवं दानव सागर मंथन कर रहे है, भगवान महादेव विष का पान कर रहे है, मोहिनी रूप अमृत का पान करवा रही है । इस झांकी में लाईटिंग एवं बिजली की आवाज एवं भजन ने भक्तों को काफी आकर्षित किया हर कोई देखकर भाव विभोर हो जाता है । यह झांकी बाँसवाड़ा शहर की एक मात्र चलचलित एवं सम्पूर्ण रूप से कम्प्यूटराइज्ड एवं इलेक्ट्रिकल स्वचलित झांकी है ।
दीपावली एवं अन्नकूट महोत्सव के तहत तपोभूमि लालीवाव मठ में भगवान पद्मनाभ का विशेष झांकी तैयार किया गया है जिसमें भगवान ने कच्छप रूप धारण कर रखा है उसके उपर सागर मंथन हो रहा है जिसमें देवता एवं दानव सागर मंथन कर रहे है, भगवान महादेव विष का पान कर रहे है, मोहिनी रूप अमृत का पान करवा रही है । इस झांकी में लाईटिंग एवं बिजली की आवाज एवं भजन ने भक्तों को काफी आकर्षित किया हर कोई देखकर भाव विभोर हो जाता है । यह झांकी बाँसवाड़ा शहर की एक मात्र चलचलित एवं सम्पूर्ण रूप से कम्प्यूटराइज्ड एवं इलेक्ट्रिकल स्वचलित झांकी है ।
Subscribe to:
Posts (Atom)